Shayari on pagalpan
जुनून हौसला और पागलपन आज भी वही है
थोडा सिरीयस हुआ हूँ सुधरा नही हूँ
अजब सिलसिला है बीतती रातों का यहाँ !
आँखो में कभी ख़वाब रहा, कभी ख्याल रहा
*** Shayari on pagalpan ***
बीत गया जो साल,
भूल जाए इस नए साल को गले लगाये!
करते है दुआ हम रब से सर झुका के
इस साल के सारे सपने पूरे हो आपके!
जो पागलपन की हद से न गुजरे वो प्यार कैसा,
होश में रह कर तो रिश्ते निभाये जाते हैं…!!
दिल्लगी नहीं शायरी जो किसी हुस्न पर बर्बाद करें
यह तो एक शमा है जो उस नूर का पयाम है.
*** Shayari on pagalpan ***
करनी है खुदा से गुजारिश,
तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले,
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा,
या फिर कभी जिंदगी न मिले।
गुनाह करके सजा से डरते है,
ज़हर पी के दवा से डरते है.
दुश्मनो के सितम का खौफ नहीं हमे,
हम तो दोस्तों के खफा होने से डरते है।
खंजर सा चुभता है सीने में काँटा सा बन गया है
जीने में निकाला जाता नहीं, चैन आता नहीं..
*** Shayari on pagalpan ***
आदत सी लग गयी है तुझे हर वक़्त देखने की
अब इसे प्यार कहते है या पागलपन ये मुझे पता नहीं
सिर्फ चेहरा ही नहीं शख्सियत भी पहचानो ,
जिसमें दिखता हो वही आईना नहीं होता
आज की रात भी बीत जायेगी..
दिल की नजर फिर तरसती रह जायेगी..
कितने ही लम्हे गुजर गए यूँ ही दिल मिले और बिछड़ गए..................
दस्तक दी, किसी ने कहा सपने लाया हूँ;
खुश रहो आप हमेशा, इतनी दुआ लाया हूँ!
नाम है मेरा ........ आपको `हैप्पी न्यू इयर` विश करने आया हूँ!
जुनून हौसला और पागलपन आज भी वही है
थोडा सिरीयस हुआ हूँ सुधरा नही हूँ
अजब सिलसिला है बीतती रातों का यहाँ !
आँखो में कभी ख़वाब रहा, कभी ख्याल रहा
*** Shayari on pagalpan ***
बीत गया जो साल,
भूल जाए इस नए साल को गले लगाये!
करते है दुआ हम रब से सर झुका के
इस साल के सारे सपने पूरे हो आपके!
Shayari on pagalpan |
जो पागलपन की हद से न गुजरे वो प्यार कैसा,
होश में रह कर तो रिश्ते निभाये जाते हैं…!!
दिल्लगी नहीं शायरी जो किसी हुस्न पर बर्बाद करें
यह तो एक शमा है जो उस नूर का पयाम है.
*** Shayari on pagalpan ***
करनी है खुदा से गुजारिश,
तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले,
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा,
या फिर कभी जिंदगी न मिले।
गुनाह करके सजा से डरते है,
ज़हर पी के दवा से डरते है.
दुश्मनो के सितम का खौफ नहीं हमे,
हम तो दोस्तों के खफा होने से डरते है।
खंजर सा चुभता है सीने में काँटा सा बन गया है
जीने में निकाला जाता नहीं, चैन आता नहीं..
*** Shayari on pagalpan ***
आदत सी लग गयी है तुझे हर वक़्त देखने की
अब इसे प्यार कहते है या पागलपन ये मुझे पता नहीं
सिर्फ चेहरा ही नहीं शख्सियत भी पहचानो ,
जिसमें दिखता हो वही आईना नहीं होता
आज की रात भी बीत जायेगी..
दिल की नजर फिर तरसती रह जायेगी..
कितने ही लम्हे गुजर गए यूँ ही दिल मिले और बिछड़ गए..................
दस्तक दी, किसी ने कहा सपने लाया हूँ;
खुश रहो आप हमेशा, इतनी दुआ लाया हूँ!
नाम है मेरा ........ आपको `हैप्पी न्यू इयर` विश करने आया हूँ!